मेरे प्यारे दोस्तों! आप में से प्रत्येक व्यक्ति में यह क्षमता होनी चाहिए कि वे अपने देश के लोगों और हमवतनी भाइयों से चाहे वे किसी भी धर्म के अनुयायी हों, यह कहने की क्षमता होनी चाहिए कि मुझे उद्योग और खनिज मंत्री, गृह मंत्री बना कर देखो आपमें ऐसी योग्यता होनी चाहिए और देश का इतना कर्तव्यनिष्ठ, सुशिक्षित व्यक्ति होना चाहिए कि सभी वर्ग के लोगों की निगाहें आपकी ओर उठें और आपसे कठिनाइयों का समाधान सीखें लेकिन जहां तक अक़ाइद (विश्वास), यक़ीन और जीवन के उद्देश्य का सवाल है, इसमें आपको इब्राहीमी सभ्यता का अनुयायी होना चाहिए, अपने जीवन के उद्देश्य में अद्वितीय और विशिष्ट रहिए और और बिल्कुल इसी प्रकार विशिष्ट रहिए जैसे एक प्रकाशस्तंभ होना चाहिए।
गुमान आबाद हस्ती में यक़ीं मर्द-ए-मुसलमां का
ब्याबां की शब-ए-तारीक में क़िन्दील रहबानी
आज संदेह की इस दुनिया में, बद-अख़लाक़ी (अनैतिकता) की इस दुनिया में, दुष्कर्मों, बेईमानी और धोखे की इस दुनिया में, भाई-भतीजावाद और विश्वासघात के इस युग में, अपनी वैयक्तिकता, अपनी विशिष्टता और अपनी अलग स्थिति और अपने अक़ाइद की डोर को मज़बूती से पकड़िए।
बेशक कमाओ और खाओ, भाषाएँ पढ़ो और सीखो, साहित्य में विशिष्टता पैदा करो, लेखक बनो, कवि बनो, मंत्री बनो, इंजीनियर बनो, वैज्ञानिक बनो, लेकिन इसके साथ ही इस्लामी विशेषता भी माथे के तेज की तरह चमकनी चाहिए और जिस प्रकार दूसरे देशों के लोग तुम्हारे देश में लाए जाते हैं, उसी प्रकार तुम भी अपने भीतर विशिष्टता उत्पन्न करो जिससे तुम अपने देश के लोगों में पहचाने जाओ।
✍🏻 हज़रत मौलाना सैय्यद अबुल ह़सन अली नदवी रह.
(पूर्व अध्यक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड)